jodhpur me ghumne ki jagah – जोधपुर राजस्थान राज्य का एक ऐतिहासिक और खूबसूरत शहर है यह शहर अपने किलो महलो और नीले रंग से रंगो भवनो के लिए दुनिया भर में मशहूर है इसे दो नाम से जाना जाता है इसको पहले ब्लू सिटी क्योंकि पुराने शहर की अधिकतर घर नीले रंग से रंगे हुए हैं सनसिटी क्योंकि यहां पूरे साल तेज धूप निकलती है इसीलिए इसे सनसिटी भी कहा जाता है जोधपुर की स्थापना 1439 ईस्वी में राब जोधा ने की थी यह कभी मारवाड़ राज्य की राजधानी हुआ करता था यहां का इतिहास वीरता राजपूती और संस्कृति से भरा हुआ है जोधपुर में आपको काफी सारे टूरिस्ट प्लेस घूमने के लिए मिल जाएंगे जिनमें मेहरगढ़ किला उम्मेद भवन पैलेस मंडोर गार्डन शामिल है जोधपुर के खाने भी काफी ज्यादा प्रशिद है जिनमे मिर्ची बड़ा मावा कचोरी दाल बाटी चूरमा शामिल है इसके अलावा जोधपुर के कपड़े जोधपुरी सूट पगड़ी राजस्थानी जूतियां भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है अगर आप जोधपुर घूमने के लिए जा रहे हैं तो आप हमारे इस आर्टिकल को आखिर तक पढ़े क्योंकि इस आर्टिकल में हम jodhpur me ghumne ki jagah के बारे में विस्तार से बताएंगे
1. जसवंत थड़ा – jodhpur me ghumne ki jagah
जसवंत थड़ा जोधपुर का एक ऐतिहासिक और वास्तु कला का खूबसूरत उदाहरण है जिसे राजस्थान का ताजमहल भी कहा जाता है यह सफेद संगमरमर से बना स्मारक है जो महाराजा जसवंत सिंह की याद में 1899 में उनके पुत्र महाराज सरदार सिंह द्वारा बनवाया गया था जगवंतरा को राजपूत वास्तु कला का उत्कर्ष उदाहरण माना जाता है इसका निर्माण मकराना के पथरो से किया गया है
जो सूर्य की रोशनी में सुनहरी हवा उत्पन्न करते हैं स्मारक के अंदर महाराज जसवंत सिंह और उनके पूर्वजों की कई काफी सारी पेंटिंग को दिखाया गया है इस्मारक के चारों ओर सुंदर बाग बगीचे एक छोटा सा तालाब है जो इसकी सुंदरता को और बढ़ाते हैं यह सुबह 9:00 से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है और भारतीय नागरिकों के लिए इसमें जाने के लिए ₹30 का टिकट लेना होता है अगर आप राजस्थान के जोधपुर जा रहे हैं तो आपको यह जगह घूमने के लिए जरूर जाना चाहिए
- ⛰️ 410 फीट ऊंची चट्टान पर बना यह किला राजपूती वीरता का प्रतीक है।
- 🧱 किले में मोती महल, फूल महल, शीश महल जैसे टूरिस्ट प्लेस हैं।
- 🧿 यहाँ के संग्रहालय में हथियार, वेशभूषा और चित्रों का शानदार स्टॉक है। 🔗 पढ़ें: Jaisalmer me ghumne ki jagah
2. मंडोर गार्डन – jodhpur me ghumne ki jagah
मंडोर गार्डन जोधपुर के बाहरी इलाके में स्थित एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर है जो राजपूत वास्तुकला धार्मिक महत्व प्राकृतिक सौंदर्य का अद्वितीय स्थान दिखती है मंडोर गार्डन का इतिहास छठवीं शताब्दी से जुड़ा हुआ है जब यह प्राचीन प्रतिहार की राजधानी था 14वीं शताब्दी में राजकुमारी से विवाह कर मंडोर को प्राप्त किया 1459 में राजा ने राजनीति राजधानी को मंडोर से ट्रांसफर कर दिया और बाद में या मंडोर राजवंश की शमशान घाट के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा अगर आप मंडोर जाते हैं तो आपको वहां पर रॉयल छतरी देखने को मिलती है जो काफी सारे राज्य और शासको की है इसके अलावा आपको म्यूजियम भी यहां पर देखने को मिलता है जिसमें काफी सारी प्राचीन मूर्तियां रखी है और 33 एकड़ में देवी देवताओं के मंदिर भी आपके यहां पर देखने के लिए मिल जाएंगे अगर आप जोधपुर जा रहे हैं तो आपको मंडोर गार्डन घूमने के लिए जरूर जाना चाहिए
- 🏛️ 20वीं सदी में बने इस महल का एक हिस्सा आज भी शाही परिवार का निवास है।
- 🏨 दूसरा हिस्सा होटल और तीसरा म्यूजियम है।
- 🌳 26 एकड़ में फैले इस महल में भव्य बाग और 300+ कमरे हैं। 🔗 देखें: Udaipur me ghumne ki jagah
3. घंटाघर और सरदार मार्केट – jodhpur me ghumne ki jagah
घंटाघर जिसे हम क्लॉक वॉच के नाम से भी जानते हैं यह जोधपुर के सरदार मार्केट में स्थित है और इसके चारों तरफ आपको सरदार मार्केट देखने को मिलता है इसकी ऊंचाई लगभग 29 मीटर है जो फ़ीट में 95 फिट होती है इसका निर्माण 19वीं सदी में किया गया था लगभग यह 100 से ज्यादा साल पुराना है और इस टावर का इस्तेमाल समय और आसपास के क्षेत्र में नजर रखने के लिए किया जाता था यह अपने समय का एक खूबसूरत नमूना है जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में टूरिस्ट आते हैं अगर आप जोधपुर घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको घंटाघर और सरदार मार्केट देखने के लिए जरूर जाना चाहिए सरकार मार्केट में आपको जोधपुर और राजस्थान के पुराने वस्त्र और हाथ बनी हुई काफी सारी चीज मिल जाएगी
- ⚱️ महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय की याद में बना संगमरमर स्मारक।
- 🌼 इसे “राजस्थान का ताजमहल” भी कहा जाता है।
- 🌄 पास ही स्थित झील और बगीचे इसकी सुंदरता बढ़ाते हैं। 🔗 पढ़ें: Mount Abu me ghumne ki jagah
4. मेहरानगढ़ किला – jodhpur me ghumne ki jagah
मेहरानगढ़ किला जिसे सूर्य का दुर्ग भी कहा जाता है राजस्थान के जोधपुर शहर में स्थित है यह बहुत ऐतिहासिक किला है इसका निर्माण 1459 ईस्वी में रातोरे वंश के संस्थापक जोधा ने करवाया था जब उन्होंने मंडोर से राजधानी को ट्रांसफर करके जोधपुर की स्थापना की थी यह किला 410 फीट ऊंची चट्टानों पर बना हुआ है किले के निर्माण से जुड़ी काफी सारी कथाएं प्रसिद्ध है जब जोधा ने यहाँ पर किला बनवाने का निर्णय लिया तो वहां पहले से निवास कर रहे हैं
साधु नाथ जी को हटाया गया साधु ने किले को पानी की कमी का श्राप दिया इस शिरप से मुक्ति पाने के लिए जोधा ने राजा राम मेघवाल नामक व्यक्ति को जीवित दफनाकर बलिदान दिया जिसकी स्मृति में किले में एक इश्मिरति है यह किला देखने में काफी ज्यादा खूबसूरत है और इस किले को बनवाने में 500 से ज्यादा बार्स लगे जिसमें कई सारे राजाओं ने अपना समय-समय पर योगदान दिया यह किला प्रतिदिन सुबह 9:00 से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है अगर आप जोधपुर जा रहे हैं तो आपको यह खूबसूरत किला देखने के लिए जरूर जाना चाहिए
- 🏯 जोधपुर की पूर्व राजधानी मंडोर का ऐतिहासिक गार्डन।
- 🛕 यहाँ पर कई छतरियाँ, मंदिर और म्यूजियम स्थित हैं।
- 🌳 देवी-देवताओं की मूर्तियाँ और हरियाली इसे देखने लायक बनाते हैं। 🔗 देखें: Pondicherry me ghumne ki jagah
5. उम्मेद भवन पैलेस – jodhpur me ghumne ki jagah
उम्मेद भवन पैलेस जोधपुर का एक ऐतिहासिक और वस्तु कला का अद्वितीय उदाहरण है जो राजस्थान के शाही वैभव को दर्शाता है उम्मेद भवन पैलेस का निर्माण जोधपुर के 37 बे महाराज उमेश सिंह ने 1929 में से को करवाया था यह निर्माण कार्य 1943 में पूरा हुआ यह महल का निर्माण जोधपुर में आए भीषण अकाल के मध्य निर्धारित किया गया था इस महल के निर्माण से स्थानीय लोगों को रोजगार मिला और अकाल की स्थिति में उभरने में मदद मिली उम्मेद भवन पैलेस को चित्र पैलेस भी कहा जाता है
क्योंकि यह चित्र पर स्थित है यह महल 26 एकड़ में फैला हुआ है जिसमें 15 एकड़ बाग में शामिल है इसमें 347 कमरे हैं इस महल का एक हिस्सा शाही परिवार का निवास है दूसरे हिस्से में ताज होटल बना दी गई है जबकि तीसरे हिस्से को म्यूजियम में कन्वर्ट कर दिया गया है अगर आप जोधपुर घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको उमेद पैलेस घूमने के लिए जरूर जाना चाहिए
- 🕰️ 19वीं सदी में बना क्लॉक टावर और उसके पास बसा सरदार मार्केट।
- 🧵 यहाँ आपको पारंपरिक राजस्थानी कपड़े, हाथ से बने और मसाले मिलते हैं।
- 🛍️ स्थानीय खानपान जैसे मिर्ची बड़ा और मावा कचौरी का भी मजा लें। 🔗 जानें: Jaipur me ghumne ki jagah
📅 जोधपुर घूमने का सही समय
मौसम | अवधि | विशेषताएँ |
---|---|---|
सर्दी | नवम्बर से फरवरी | सबसे उपयुक्त समय, ठंडा मौसम |
गर्मी | मार्च से जून | बहुत गर्म, यात्रा कठिन |
मानसून | जुलाई से सितम्बर | हरियाली बढ़ जाती है, लेकिन उमस रहती है |
✈️ कैसे पहुँचे और कहाँ ठहरें?
- ✈️ हवाई मार्ग: जोधपुर एयरपोर्ट देश के कई शहरों से जुड़ा है।
- 🚆 रेल मार्ग: जोधपुर जंक्शन दिल्ली, मुंबई, जयपुर से सीधा जुड़ा है।
- 🛣️ सड़क मार्ग: NH-62 और NH-25 से बेहतर कनेक्टिविटी है।
- 🏨 होटल्स: बजट होटल्स, हेरिटेज होमस्टे और लग्ज़री होटल्स सब उपलब्ध हैं।
❓ FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q. जोधपुर को ब्लू सिटी क्यों कहा जाता है?
पुराने शहर के अधिकतर घर नीले रंग से रंगे हैं, जिससे यह नीला दिखाई देता है।
Q. क्या मेहरानगढ़ किला में गाइड सुविधा उपलब्ध है?
हाँ, ऑडियो गाइड और व्यक्तिगत गाइड दोनों की सुविधा मिलती है।
Q. जोधपुर घूमने में कितने दिन लगते हैं?
2-3 दिन में प्रमुख स्थान घूमे जा सकते हैं।
निष्कर्ष – jodhpur me ghumne ki jagah
राजस्थान खूबसूरत राज्य है जिसमें बसा है जोधपुर और हमने हमारे आर्टिकल में भी बताया है जोधपुर के बारे में जोधपुर कैसा राज्य है जोधपुर में घूमने के लिए कौन-कौन सी जगह हैं और हमें जोधपुर घूमने के लिए किस प्रकार जाना चाहिए अगर आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल अच्छा लगा है तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल jodhpur me ghumne ki jagah कैसा लगा धन्यवाद
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