lucknow me ghumne ki jagah top 5 – travel guide by mohit meena

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lucknow me ghumne ki jagah – लखनऊ काफी ज्यादा प्राचीन सेहर  है और यह कौशल राज्य का हिस्सा था और सूर्यवंशी वंश के अधीनता था कहा जाता है कि इसका नाम लक्ष्मण भगवान राम के भाई के नाम पर लक्ष्मण पर रखा गया जो समय के साथ लखन पुर और लखनऊ बना 18वीं शताब्दी में अवध के नवाबों में से अपनी राजधानी बनाया जिससे यह कला संगीत और साहित्य का केंद्र बना लखनऊ काफी खूबसूरत शहर है लखनऊ में घूमने के लिए काफी कुछ है लखनऊ में आपको बड़ा इमामबाड़ा छोटा इमामबाड़ा रूमी दरवाजा हजरतगंज मार्केट आदि देखने को मिलती है लखनऊ की नवाबी रसोई अपनी विशेषता के लिए प्रसिद्ध है यहां के कबाब खासकर तुंडे के कबाब प्रसिद्ध है लखनऊ की चिकनकारी कढ़ाई विश्व प्रसिद्ध है यह कढ़ाई हाथ से कपड़ो पर की जाती है इसके अलावा लखनऊ की एक आईपीएल टीम भी है इसके अलावा आपको लखनऊ में इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम भी देखने को मिल जाएगा जहां पर इंटरनेशनल मैच खेले जाते हैं अगर आप लखनऊ घूमने के लिए जा रहे हैं तो आप हमारे इस आर्टिकल को आखिर तक पढ़े क्योंकि हम हमारे इस आर्टिकल में आपको लखनऊ में घूमने की जगह के बारे में विस्तार से बताएंगे

1 – हज़रतगंज मार्केट – lucknow me ghumne ki jagah

हजरतगंज मार्केट लखनऊ का एक प्रमुख और सांस्कृतिक केंद्र जिसे लखनऊ का दिल कहा जाता है यह 1810 में नवाब अली शाह द्वारा बनाए बसाया गया है जिन्हें हजरत के नाम से जाना जाता है इसलिए इसका नाम हजरतगंज पड़ा यहां की मार्किट विक्टोरियन शैली में बनी हुई है जो इसे रॉयल और ऐतिहासिक लुक देती हैं यहां चिकनकारी कपड़े साड़ियां ज्वेलरी और हैंडबैग के लिए या मार्केट काफी ज्यादा प्रसिद्ध है इसके अलावा यहां का खाना और आपको चार्ट कबाब बिरयानी और भी काफी प्रकार के व्यंजन खाने के लिए मिल जाएंगे यह मार्केट देखने में काफी ज्यादा खूबसूरत है अगर आप लखनऊ जा रहे हैं तो आपको यह जगह घूमने के लिए भी जरूर जाना चाहिए

2. रूमी दरवाज़ा – lucknow me ghumne ki jagah

रूमी दरवाजा लखनऊ का एक ऐतिहासिक नवाबी वास्तु कला से बना दरवाजा है इसे 1784 में नआसफ उद दौला ने बनवाया था जो लखनऊ की राजधानी को लखनऊ स्थानांतरित करने का हिस्सा था यह 60 फीट ऊंचा दरवाजा तुर्की के स्थान बैल में स्थित प्राचीन दरवाजा को देखकर बनाया गया है इसलिए इसे रूमी दरवाजा कहा जाता है इसमें आपको अवध और मुगल शैली का मिश्रण देखने को मिलता है और इस हिस्से में 8 हाथ वाली छतरी को बनाई गई है हजरतगंज से यह 3 किलोमीटर दूर और बड़ा इमामबाड़ा और छोटा इमामबाड़ा के बीच गोमती  नदी के किनारे बना हुआ है सुबह 6:00 बजे से रात 10:00 बजे तक आप यहां पर जा सकते हैं और फोटो वगैरा का भी मजा ले सकते हैं अगर आप लखनऊ जा रहे हैं तो आपको यह जगह देखने के लिए भी जरूर जाना चाहिए

  • 1784 में नवाब आसफ-उद-दौला द्वारा बनवाया गया तुर्की शैली का 60 फीट ऊँचा दरवाजा।

  • नवाबी और मुगल वास्तुशैली का अद्भुत मिश्रण।

  • इसके आसपास का इलाका बेहद फोटो-फ्रेंडली है।

  • अगर ऐतिहासिक दरवाजों और किलों में रुचि है, तो जोधपुर में घूमने की जगह भी जरूर देखें।

3. छोटा इमामबाड़ा – lucknow me ghumne ki jagah

छोटा इमामबाड़ा जिसे हुसैनाबाद इमामबाड़ा के नाम से भी जाना जाता है लखनऊ में यह ऐतिहासिक और धार्मिक स्मारक 1837 में नवाब मोहम्मद अली शाह ने बनवाया था जो अभद के नवाब थे यह इमामबाड़ा अपनी खूबसूरत वस्तु कला और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है और रूमी दरवाजे से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इसमें आपको मुगल सेली  का मिश्रण देखने को मिलता है इसमें सुनहरे गुंबद बने हुए हैं और काफी खूबसूरत कांच लगे हुए हैं इमामबाड़ा के अंदर ही आपको एक  चार मंजिला टावर देखने को मिलता है नवाब की मृत्यु के कारण इसे 4 मंजिला तक ही बना पाए इसे चांद की गति देखने के लिए बनाया गया था अगर आप लखनऊ जा रहे हैं तो आपको छोटा इमामबाड़ा घूमने के लिए जरूर जाना चाहिए

  • नवाब मोहम्मद अली शाह द्वारा 1837 में बनवाया गया यह धार्मिक जगह वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है।

  • रूमी दरवाजे के पास स्थित, इसमें चार मंजिला मीनार और चमचमाते झूमर हैं।

  • आपको जयपुर में घूमने की जगह जैसी अन्य ऐतिहासिक इमारतों में भी यही भव्यता देखने को मिलेगी।

4. बड़ा इमामबाड़ा – lucknow me ghumne ki jagah

बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ का एक ऐतिहासिक स्मारक है जो अवध की नवाबी वास्तुकला को दिखाता है इसे 1784 में नवाब अशदुल डोला के द्वारा बनवाया गया था दीवारों पर आपको खूबसूरत बनावट देखने को मिलती है इसके अंदर आपको 1000 से अधिक रास्ते और 489 एक समान दरवाजे वाले भूल भुलैया देखने को मिलती है इमामबाड़ा परिसर में आपको एक पांच मंजुला कुआं भी देखने को मिलता है जो अपनी वास्तु कला और पानी की आपूर्ति प्रणाली के लिए प्रसिद्ध है परिसर में एक सुंदर मस्जिद है जो नवाब के नाम पर बनी हुई है अगर आप लखनऊ घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको यह जगह घूमने के लिए भी जरूर जाना चाहिए

5. डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर मेमोरियल पार्क – lucknow me ghumne ki jagah

डॉ बाबासाहेब अंबेडकर मेमोरियल पार्क जिसे डॉक्टर भीमराव अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल के नाम से भी जाना जाता है लखनऊ को गोमती नगर में स्थित एक स्मारक और सार्वजनिक पार्क है यह 107 एकड़ में फैला हुआ है भारत के संविधान निर्माता सामाजिक सुधार और भारत के पहले कानून मंत्री डॉक्टर बी आर अंबेडकर को समर्पित है इसके अलावा यह पार्क ज्योतिबा फुले नारायण गुरु बिरसा मुंडे साहू जी महाराज काशीराम जैसे अन्य स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक सुधारो की स्मृति को भी सम्मानित करता है अगर आप लखनऊ जा रहे हैं तो आपको यह खूबसूरत पार्क देखने के लिए जरूर जाना चाहिए

  • गोमती नगर में स्थित यह स्मारक 107 एकड़ में फैला है।

  • डॉ. अंबेडकर, ज्योतिबा फुले, काशीराम जैसी महान हस्तियों की स्मृति में बना है।

  • अगर आप सामाजिक इतिहास और स्मारकों में रुचि रखते हैं, तो अंडमान में घूमने की जगह की जेल और म्यूजियम जरूर देखें।

लखनऊ घूमने के लिए कब जाएं – lucknow me ghumne ki jagah

अगर आप लखनऊ घूमने के लिए जा रहे हैं तो आप अक्टूबर से मार्च के बीच लखनऊ घूमने के लिए जा सकते हैं क्योंकि इस समय मौसम काफी अच्छा रहता है और टेंपरेचर भी 25 डिग्री से कम रहता है जिससे आपको घूमने में काफी ज्यादा मजा आने वाला है अगर आप बरसात में लखनऊ घूमने के लिए जाते हैं तब भी आपको मौसम ठीक-ठाक देखने को मिलता है क्योंकि इस समय यहां पर बारिश होती है लेकिन गर्मी में आप लखनऊ घूमने के लिए ना जाए तो आपके लिए अच्छा रहेगा क्योंकि गर्मी के मौसम में चारों तरफ उमस रहती है और गर्मी भी काफी ज्यादा लगती है

निष्कर्ष  – lucknow me ghumne ki jagah

दोस्तों हमने हमारे इस आर्टिकल में आपको लखनऊ में घूमने की जगह के बारे में विस्तार से बताया है लखनऊ कैसा राज्य है लखनऊ में घूमने के लिए कौन-कौन सी जगह है और हमें लखनऊ घूमने के लिए कब जाना चाहिए अगर आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल लखनऊ में घूमने की जगह अच्छा लगता है तो आप इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और हमें कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल lucknow me ghumne ki jagah कैसा लगा धन्यवाद

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