मऊगंज, मऊगंज मध्य प्रदेश के रीवा जिले में बसा एक गांव या क़स्बा है जो देखने में छोटा है लेकिन अनुभव यहां पर अच्छा मिलता है यह आकर आपको ऐसा लगता है जैसे समय धीरे-धीरे चल रहा है यहां पर हर मोड़ पर कोई मंदिर है हर सुबह शंख नाद से शुरू होते हैं और शाम नदी की छांव में डालते हैं अगर आप भीड़भाड़ से दूर असल भारत के किसी हिस्से में जाना चाहते हैं तो जहां लोग आज भी धरती को प्रणाम करते हैं और पेड़ो को छूकर धन्यवाद देते हैं हम हमारे इस आर्टिकल में आपको Mauganj Me Ghumne Ki Jagah के बारे में विस्तार से बताएंगे।
🌾 1. मऊगंज की सड़कों पर पैदल चलना ही एक यात्रा है
यहां किसी गाइड की जरूरत नहीं है एक चाय की दुकान से शुरू होकर आपकी यात्रा मंदिर वहां और गलियों से होकर गुजरती है लोग आपको रास्ता नहीं बताते बल्कि साथ चल देते हैं बुजुर्ग से बात करते हैं वह बताते हैं बेटा रघुनाथ मंदिर जा रहे हो चलो मैं भी बही जा रहा हूँ अगर आप मऊगंज जा रहे हैं तो आप सड़कों पर पैदल चलना ना भूले।”
और यही है मऊगंज की आत्मा — सादगी और अपनापन।
🛕 2. रघुनाथ मंदिर – दीवारों पर लिखा हुआ विश्वास
मऊगंज का सबसे प्रमुख धार्मिक स्थल रघुनाथ मंदिर है जिसकी कथा स्थानीय जनमानस के मन में सदियों से सुनते आ रहे है यह कोई आम मंदिर नहीं है यहां पर भगवान राम की पूजा की जाती है और इस मंदिर का निर्माण बघेल काल में किया गया था यह मंदिर लकड़ी की कारीगरी के लिए प्रसिद्ध है और रामनवमी के मौके पर भारी संख्या में भक्त आते है यह मंदिर जयपुर के गोविंद देव मंदिर की तरह बना हुआ है।
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बघेलकाल में निर्मित यह मंदिर लकड़ी की बारीक कारीगरी के लिए प्रसिद्ध है
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रामनवमी और शरद पूर्णिमा को यहाँ लाखों की भीड़ जुटती है
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यहाँ की “बघेली रामलीला” रीवा संभाग की धरोहर मानी जाती है
🔗 इस मंदिर की भव्यता Jaipur ke Govind Dev Ji Mandir की याद दिलाती है — आस्था का आधुनिक और पारंपरिक संगम।
🌊 3. गोमती नदी के घाट – जब जल भी मौन होकर सुनता है
अगर आप एक शांत जगह की तलाश कर रहे हैं और आप मऊगंज जा रहे हैं तो आपको गोमती नदी घाट जाना चाहिए जहां ऐसा लगता है मानो पानी आपकी बात सुन रहा है यहां के घाट पेट पर बैठकर सुबह और शाम के समय आपको अलग लेवल का एक्सपीरियंस होने वाला है कुछ घाटों पर आप नाब की सवारी भी कर सकते हैं महिलाएं याह पर सुबह जल भरने आती है और पारंपरिक बघेली गीत गाती है।
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घाटों की सीढ़ियों पर बैठने वाले साधुओं से लोककथा सुनना अनुभव है
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कुछ घाटों पर नाव की सवारी संभव है (विशेषकर सावन में)
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महिलाएं सुबह जल भरते हुए पारंपरिक बघेली गीत गाती हैं
🔗 यहाँ का अनुभव Pondicherry ke Serenity Beach जितना ही सुकूनदायक और शुद्ध है।
🏞️ 4. देवताल – स्थानीय रहस्य और हरियाली का संतुलन
मऊगंज से लगभग 5 किलोमीटर दूर स्थित देवताल ले सुंदर स्थान है यह जगह प्राकृतिक प्रेमियों के लिए भी अच्छा माना जाता है ऐसी मानता है कि यहां देवताओं का निवास होता है तालाब के किनारे बना छोटा शिव मंदिर आज भी पूजा करने योग्य है सुबह चलते समय तालाब का नजारा आपके मन को मोह लगा।
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स्थानीय मान्यता है कि यहाँ “देवताओं का निवास” होता था
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तालाब के किनारे बना छोटा शिवमंदिर आज भी पूजा स्थल है
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सूरज ढलते समय तालाब का प्रतिबिंब अत्यंत मनमोहक होता है
यहाँ का शांत सौंदर्य Lakshadweep ke Minicoy Island की याद दिलाता है — छोटा, लेकिन आत्मा को छू लेने वाला।
🏰 5. मऊगंज किला और पुरानी हवेलियां – मौन में दर्ज इतिहास
मऊगंज का छोटा सा किला अब सरकारी दफ्तर बन गया किले की दीवारे आज भी जिंदा है जो बघेल राजवंश की याद दिलाती है आपको लोकगीत की झलक देखने के लिए मिल जाएगी।
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बघेल राजवंश की निशानी माने जाने वाले पुराने महलों के खंडहर
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कुछ हवेलियां अब भी मौजूद हैं जिनकी खिड़कियाँ और झरोखे कहानियाँ सुनाते हैं
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दीवारों पर अभी भी लोकगीतों की झलक मिलती है — जैसे समय वहीं ठहरा हो
🔗 Andaman ke Cellular Jail की तरह, यह किला भी मौन में इतिहास को जीवित रखे हुए है।
🧺 6. लोकल बाज़ार – मिट्टी की खुशबू और देसी स्वाद
मऊगंज में हर सोमवार को बाजार लगता है जहां पर आप संस्कृति को देख सकते हैं और यहां का लोकल खाना भी ट्राई कर सकते हैं हाथ से बने हुए आपको काफी सारी चीज मिल जाएगी जो जोधपुर के सदर बाजार जैसा देखने में लगता है।
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यहाँ की मूँगफली, तिल के लड्डू, और बघेली सेव प्रसिद्ध हैं
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लकड़ी से बनी हाथ की चीजें और हस्तनिर्मित खिलौने
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गाँव की औरतें साड़ियों की गड्डियाँ खोलकर लोककला दिखाती हैं
🔗 यह बाज़ार Jodhpur ke Sardar Bazaar जितना रंगीन नहीं, पर उतना ही सच्चा है।
🏨 कहाँ ठहरें और कैसे पहुँचे?
कैसे जाएँ मऊगंज:
साधन | विवरण |
---|---|
सड़क मार्ग | रीवा (50 किमी), सतना (80 किमी) से बसें और टैक्सी |
रेलवे स्टेशन | निकटतम स्टेशन: रीवा |
हवाई अड्डा | प्रयागराज (130 किमी), जबलपुर (170 किमी) |
ठहरने के लिए विकल्प:
नाम | स्थान | विशेषता |
---|---|---|
Hotel Ram Darbar | मऊगंज बाजार | किफायती और साफ-सुथरा |
Rewa Retreat | रीवा शहर | फैमिली फ्रेंडली और लग्जरी |
Shivam Guest House | मऊगंज | ट्रैवलर्स के लिए सुविधाजनक |
🛎️ अधिक जानकारी के लिए देखें: MP Tourism की ऑफिशियल वेबसाइट
📅 मऊगंज घूमने का सही समय
मौसम | अनुभव |
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अक्टूबर – फरवरी | सर्द, शांत और यात्रा के लिए सबसे अच्छा |
जुलाई – सितंबर | बारिश में देवताल और घाट अद्भुत लगते हैं |
मार्च – जून | गर्मी ज्यादा होती है, लेकिन स्थानीय त्योहार भी देखने लायक |
❓ FAQs – Mauganj Yatra ke Sawal
Q. क्या मऊगंज एक दिन में घूमा जा सकता है?
✅ हाँ, सभी मुख्य जगह एक दिन में देखे जा सकते हैं।
Q. क्या परिवार संग घूमने लायक जगह है?
✅ बिल्कुल! यहाँ का वातावरण बेहद शांत और सुरक्षित है।
Q. क्या लोकल खाने में कुछ खास है?
✅ जी हाँ! बघेली सेव, तिल-गुड़ और देसी लस्सी ज़रूर ट्राय करें।
🔚 निष्कर्ष – Mauganj: जहाँ आत्मा को घर जैसा लगे
मऊगंज बाले ही टूरिस्ट के नक्शे में ना आता हो लेकिन यहां का हर कोना अच्छा है रघुनाथ मंदिर की गाड़ियां हो या गोमती नदी की शांति बाजार की रौनक एक कहानी बया करती है या ना तो बड़े-बड़े मॉल है साफ़ सूत्र भारत आपके यहां पर देखने के लिए मिल जाएगा अगर आप मऊगंज जा रहे हैं तो आपके लिए Mauganj Me Ghumne Ki Jagah वाला आर्टिकल काफी ज्यादा मदद करने वाला है।
तो अगली बार जब आप कहीं आत्मिक शांति की तलाश करें — Mauganj को ज़रूर याद रखें।
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