chittorgarh me ghumne ki jagah – चित्तौड़गढ़ भारत के राजस्थान राज्य में स्थित एक ऐतिहासिक नगर है यह राजस्थान के दक्षिण पूर्वी भाग में स्थित है और अपने भव्य किलो बलिदान और राजपूती वीरता के लिए प्रसिद्ध चित्तौड़गढ़ को राजपूत गौरव की भूमि कहा जाता है चित्तौड़गढ़ किला रानी पद्मिनी महाराणा प्रताप और मेवाड़ की वीरता से भरा हुआ है चित्तौड़गढ़ का किला भारत के सबसे बड़े और सबसे प्रसिद्ध किलो में से एक है इस किले को विश्व धरोहर सूची में भी शामिल किया गया है यह किला लगभग 700 एकड़ में फैला हुआ है इसमें कई महल मंदिर और छोटे-छोटे तालाब भी बने हुए हैं
चित्तौड़गढ़ पर कई बार आक्रमण हुआ सबसे प्रसिद्ध आक्रमण अलाउद्दीन खिलजी द्वारा 1303 में हुआ था जब उसने रानी पद्मिनी की सुंदरता सुनकर किले पर चढ़ाई की थी यहां पर तीन बार हमला हुआ है जहां राजपूत महिला ने अपने सम्मान की रक्षा के लिए अग्नि में कूद कर बलिदान दिया है महाराणा प्रताप का जन्म भी चित्तौड़गढ़ में हुआ है जिन्होंने मुगलों के खिलाफ आजीवन संघर्ष किया है
अगर आप चित्तौड़गढ़ घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको चित्तौड़गढ़ में काफी सारी जगह है घूमने के लिए मिल जाएगी चित्तौड़गढ़ घूमने के लिए आपको हमारे आर्टिकल को आखिर तक पढ़ना होगा क्योंकि हम हमारे आर्टिकल में आपको chittorgarh me ghumne ki jagah के बारे में विस्तार से बताएंगे और बताएंगे आप चित्तौड़गढ़ में घूमने के लिए कौन-कौन सी जगह जा सकते हैं
1. रानी पद्मिनी महल (Rani Padmini Palace) – chittorgarh me ghumne ki jagah
रानी पद्मावती महल चित्तौड़गढ़ किले के सबसे प्रसिद्ध और आकर्षकों में से एक है यह महल रानी पद्मावती से जुड़ा हुआ है जिसकी सुंदरता और बीरता की कहानी राजस्थान की लोक कथा और इतिहास में प्रशिद है चित्तौड़गढ़ किले में रानी महल कुम्बा महल के पास आपको यह महल देखने को मिलता है इसका निर्माण 14 बी से 15वीं शताब्दी के आसपास हुआ है
यह महल देखने में काफी ज्यादा खूबसूरत है और रानी पद्मिनी की सुंदरता और अलाउद्दीन खिलजी के किले पर हमले की प्रसिद्ध कथा से जुड़ा हुआ है रानी पद्मावती महल को रानी पद्मिनी के निवास के रूप में माना जाता है पद्मिनी की कहानी प्रसिद्ध है कि उनकी सुंदरता के चर्चा सुनकर दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़गढ़ पर आक्रमण किया था जब खिलजी के हाथ लगने वाला था तब रानी पद्मावती और अन्य रानियों के साथ जोहर किया ताकि वह दुश्मनों से बच जाए यह महल से बलिदान की याद दिलाता है अगर आप राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जा रहे हैं तो आपको रानी पद्मावती महल देखने के लिए जरूर जाना चाहिए
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ऐतिहासिक महल जहाँ रानी पद्मिनी ने जोहर किया था
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अलाउद्दीन खिलजी के हमले की कथा से जुड़ा स्थल
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सुंदर जलमहल जैसी रचना, झील से घिरा हुआ
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2. विजय स्तंभ (Vijay Stambh) – chittorgarh me ghumne ki jagah
विजय स्तंभ राजस्थान के चित्तौड़गढ़ किले में स्थित एक ऐतिहासिक और भव्य स्मारक है यह स्तंभ महान राजा राणा कुंभा द्वारा बनवाया गया था और यह राजपूती वीरता विजय और गौरव का प्रतीक माना जाता है राणा कुंभा ने यह स्तंभ 1440 ईस्वी में महमूद खिलजी और जीत के उपलक्ष में बनवाया था यह स्तंभ न केवल युद्ध विजय की याद दिलाता है बल्कि मेवाड़ की संस्कृति व धार्मिक विरासत को भी दर्शाता है स्तंभ में हिंदू देवी देवताओं के धार्मिक चित्र को काफी अच्छी तरीके से बनाया गया है
और इसमें भगवान विष्णु के 10 अवतारों को भी दिखाया गया है अंदर आपको 157 सीडिया देखने को मिलती है जो आपके ऊपर तक ले जाती है जहां से पूरा चित्तौड़गढ़ किला और आसपास का क्षेत्र देखा जा सकता है हर मंजिल पर छोटे-छोटे गैलरी बनी हुई है यह विजय स्तंभ सुबह 9:00 से शाम 6:00 बजे तक खुला रहता है अगर आप चित्तौड़गढ़ जा रहे हैं तो आपको यह विजय स्तंभ देखने के लिए जरूर जाना चाहिए
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राणा कुंभा द्वारा 1440 में बनवाया गया
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अंदर 157 सीढ़ियाँ, ऊपर से पूरा किला दिखता है
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दीवारों पर विष्णु के दशावतार और हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियाँ
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3. राणा कुम्भा महल (Rana Kumbha Palace) – chittorgarh me ghumne ki jagah
राणा कुंभा राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के महान राजाओं में से एक माने जाते हैं और उन्होंने 15वीं शताब्दी में महल का निर्माण करवाया था जिसे आज के समय में राणा कुम्बा महल के नाम से जाना जाता है कहा जाता है कि महाराणा उदय सिंह जो बाद में उदयपुर के संस्थापक का जन्म भी इसी महल में हुआ था यहां पर आपको काफी सारे चीज देखने के लिए मिलते हैं यह महल सुबह 9:30 से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है और इस महल में घूमने के लिए आपको ₹15 का टिकट भी खरीदना होता है अगर आप चित्तौड़गढ़ घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको राणा कुंभा का महल देखने के लिए जरूर जाना चाहिए
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महाराणा उदय सिंह का जन्मस्थल
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भव्य महल परिसर, ऐतिहासिक गलियारे और राजसी स्थापत्य
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सुबह 9:30 से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है
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4. चित्तौड़गढ़ किला (Chittorgarh Fort) – chittorgarh me ghumne ki jagah
चित्तौड़गढ़ किला राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित भारत का सबसे बड़ा और ऐतिहासिक किला है यह किला अपनी विशालता के लिए जाना जाता है बल्कि यहां की गाथाएं वीरता राजपूताना बलिदान और आत्म सम्मान की यह मिसाल भी पेश करता है इस किले का निर्माण 7 बी शताब्दी में मौर्य शासको द्वारा किया गया था चित्तौड़गढ़ किले पर कई बार आक्रमण हुआ है जिनमें 1303 में अलाउद्दीन खिलजी ने रानी पद्मावती के लिए आक्रमण किया था 1535 में बहादुर शाह गुजरात के सुल्तान ने हमला किया था
और 1567 में अकबर ने किले पर आक्रमण किया था किले में आपको विजय स्तंभ भी देखने को मिलते हैं जिन्हें राणा कुंभा द्वारा 1440 में बनवाया गया था जब उन्होंने महमूद खिलजी पर जीत प्राप्त की थी इसके अलावा आपको किले में बहुत कुछ देखने को मिलता है जिनमें रानी पद्मावती महल भी शामिल है अगर आप राजस्थान घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको चित्तौड़गढ़ किला देखने के लिए जरूर जाना चाहिए यह किला सुबह 9:00 से शाम 5:00 तक खुला रहता है
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700 एकड़ में फैला, यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट
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तीन ऐतिहासिक हमले: अलाउद्दीन खिलजी, बहादुर शाह, और अकबर
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किले में महल, स्तंभ, जलाशय और मंदिर स्थित हैं
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5. कीर्ति स्तंभ (Kirti Stambh) – chittorgarh me ghumne ki jagah
कीर्ति स्तंभ चित्तौड़गढ़ किले के अंदर स्थित एक प्रसिद्ध और प्राचीन स्तंभ है जो जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर विश्वनाथ भगवान आदिनाथ को समर्पित है यह स्तंभ राजस्थान की मध्यकालीन कला का एक खूबसूरत नमूना है इसका निर्माण 12वीं शताब्दी में किया गया था इसका निर्माण जैन अनुयायी विशेष रूप से जैन गुरु सिंह द्वारा किया गया था
इसकी ऊंचाई लगभग 22 मीटर है और यह 7 मंजिला है यह चित्तौड़गढ़ किले के अंदर है कीर्ति स्तंभ की स्थापना जैन धर्म की मेहता और भगवन के प्रति श्रद्धा दिखाने के लिए की गई है यह स्तंभ भगवान आदिनाथ के जीवन उनके उपदेशों और जैन धर्म की शिक्षाओं का प्रतीक है इस किले के अंदर आपको यह स्तम्ब देखने को मिलता है अगर आप चित्तौड़गढ़ घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको कीर्ति स्तंभ देखने के लिए जरूर जाना चाहिए
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12वीं शताब्दी में बना, 22 मीटर ऊँचा
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भगवान आदिनाथ को समर्पित
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जैन स्थापत्य कला और धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक
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📆 चित्तौड़गढ़ घूमने का सही समय
मौसम | अवधि | विशेषता |
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सर्दी | अक्टूबर से मार्च | यात्रा के लिए सबसे अच्छा |
गर्मी | अप्रैल से जून | बहुत गर्म, यात्रा कठिन |
मानसून | जुलाई से सितंबर | मौसम सुहावना, लेकिन फिसलन संभव |
🚗 कैसे पहुँचे और कहाँ ठहरें?
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✈️ नजदीकी हवाई अड्डा: उदयपुर एयरपोर्ट (100 KM)
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🚆 रेलवे स्टेशन: चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन (राजस्थान के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा)
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🛣️ सड़क मार्ग: जयपुर, उदयपुर, कोटा से अच्छी कनेक्टिविटी
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🏨 ठहरने के विकल्प: होटल, हवेली, होमस्टे और राजसी रिसॉर्ट्स
❓ FAQs – अक्सर पूछे गए सवाल
Q. चित्तौड़गढ़ किला देखने में कितना समय लगता है?
कम से कम 4-5 घंटे लगते हैं यदि आप सभी प्रमुख प्लेस देखना चाहें।
Q. क्या किले के अंदर गाइड की सुविधा उपलब्ध है?
हाँ, सरकारी और निजी गाइड उपलब्ध रहते हैं।
Q. क्या किले में फोटोग्राफी की अनुमति है?
बाहरी हिस्सों में हाँ, पर कुछ स्थानों पर चार्ज लग सकता है।
निष्कर्ष – chittorgarh me ghumne ki jagah
चित्तौड़गढ़ भारत का एक खूबसूरत शहर है और चित्तौड़गढ़ की स्थापना काफी पहले हुई थी और चित्तौड़गढ़ में घूमने के लिए आपको काफी सारे जगह मिल जाएंगे जैसा कि हमने हमारे आर्टिकल में बताया है अगर आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल चित्तौड़गढ़ में घूमने की जगह अच्छा लगता है तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल chittorgarh me ghumne ki jagah कैसा लगा धन्यवाद
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