jaisalmer me ghumne ki jagah – राजस्थान का एक शहर जो रेगिस्तान के बीचों बीच बसा हुआ है जिसे गोल्डन नगर भी कहा जाता है क्योंकि यहां की मार्केट पिले पत्थर से बनी हुई है जो सूरज की रोशनी में सोने जैसी चमकती है अगर आप जैसलमेर घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपके यहां पर घूमने के लिए बहुत कुछ मिल जाएगा जिनमें जैसलमेर के किला पटवों की हवेली बॉर्डर पर मंदिर भी देखने को मिलता है और कुलधरा जहा से लोग अचानक एक रात में छोड़कर चले गए राजस्थान का खाना काफी ज्यादा प्रसिद्ध है जिसमें दाल बाटी चूरमा गट्टे की सब्जी अगर आप राजस्थान घूमने के लिए जा रहे हैं तो आप हमारे आर्टिकल में आखिर तक बने रहे क्योंकि हम हमारे इस आर्टिकल में आपको jaisalmer me ghumne ki jagah के बारे में विस्तार से बताएंगे
1. कुलधरा गांव – jaisalmer me ghumne ki jagah
कुलधरा गांव राजस्थान के जैसलमेर जिले के पास स्थित एक प्राचीन और बीरन गांव है जिसे भूतिया गांव के नाम से भी जाना जाता है कहा जाता है लगभग 200 साल पहले याह के सभी निवासी एक ही रात में अचानक गांव छोड़कर चले गए थे इसके पीछे की कहानी स्थानीय लोक कथाएं और इतिहास में गहराई से जुड़ी हुई है कुलधरा की खली और टूटी-futti हवेली गालियां और सुनसान रास्ते आज भी इसे पुरानी कथा को जीवन रखते हैं टूरिस्ट यहां इसके रहस्य को जानने और भूत प्रेत की कहानी सुनने और बिराने का अनुभव लेने के लिए आते हैं कुलधरा गांव जैसलमेर के पास का एक महत्वपूर्ण टूरिस्ट स्थल है जो इतिहास और रहस्य का अंगूठा संगम प्रस्तुत करता है अगर आप राजस्थान घूमने के लिए जाते हैं तो आपको जैसलमेर के पास बसा कुलधरा गांव घूमने के लिए जरूर जाना चाहिए
- 🏡 जैसलमेर से लगभग 18 किलोमीटर दूर स्थित एक प्राचीन वीरान गाँव।
- 🧘♀️ मान्यता है कि एक रात में पूरा गाँव रहस्यमय तरीके से खाली हो गया था।
- 🎭 आज यह ऐतिहासिक और भूतिया प्लेस टूरिस्टों को खूब आकर्षित करता है। 🔗 पढ़ें: Bikaner me ghumne ki jagah
2. जैसलमेर किला – jaisalmer me ghumne ki jagah
जैसलमेर राजस्थान के जैसलमेर शहर में स्थित एक ऐतिहासिक और खूबसूरत किला है इसे सोना किला भी कहा जाता है क्योंकि उसकी दीवार और वास्तुकला सुनहरे बलिया पत्थर से बनी है यह किला सूर्य की रोशनी में सोने जैसी चमक देती है इस किले का निर्माण 1156 ईस्वी में राजा-raval सिंह ने करवाया था यह मरुस्थल के बीचो बीच स्थित है और पूरे किले को कवर करने के लिए दीवारों से हजीरा हुआ है किले की दीवार लगभग 30 मीटर ऊंची और 21 फ़ीट चौड़ी है
किले में कोई महल मंदिर हवेलियों और पुराने घर मौजूद है जैसलमेर एक बार बहुत महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र का हब था यहां पर काफी अच्छा लगता है किले के अंदर आपको कुछ महल देखने को मिलते हैं जिनमें रजवाड़ा महल भी शामिल है उसके अंदर आपको हवन कुंड मंदिर हनुमान मंदिर उज्जैन मंदिर देखने के लिए मिलते हैं अगर आप राजस्थान घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको जैसलमेर का किला देखने के लिए वही जानना चाहिए
- 🏰 1156 ई. में राजा रावल जैसल द्वारा निर्मित, इसे सोनार किला भी कहा जाता है।
- 🌞 पीले बलुआ पत्थरों से बना यह किला सूर्य की रोशनी में सुनहरा दिखता है।
- 📍 किले के भीतर जैन मंदिर, महल और पुराने घर टूरिस्टो को इतिहास से रूबरू कराते हैं। 🔗 जानें: Udaipur me ghumne ki jagah
3. पटवों की हवेली – jaisalmer me ghumne ki jagah
पटवों की हवेली जैसलमेर की सबसे मशहूर और भव्य हवेली में से एक है यह हवेली 5 पटवों ने मिलकर बनाई गई है जो अपनी खूबसूरती के और राजस्थानी वस्तु कला के लिए प्रसिद्ध है इसे 19वीं सदी में अमीर व्यापारी परिवार ने बनवाया था यह हवेली पीले बलुआ पत्थर से बनी हुई है और उसकी दीवारों पर बनी मूर्तियां और चित्र टूरिस्टो को अपनी ओर आकर्षित करती है पटवों की हवेली का निर्माण जैसलमेर के उस समय के धनी व्यापारी परिवारों ने करवाया था हवेली का नाम पटवों इसलिए पड़ा क्योंकि यहां पांच भाइयों के परिवार रहते थे यह हवेली व्यापारिक समृद्धि और कला कौशल का प्रतीक है हवेली की दीवार और खिड़कियों पर बनी बनावट राजस्थान की परंपरा कला को दर्शाती है जो आज भी दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं अगर आप जैसलमेर जा रहे हैं तो आपको यह पटवों की हवेली देखने के लिए जरूर जाना चाहिए
- 🏠 जैसलमेर की सबसे खूबसूरत और प्राचीन हवेलियों में से एक।
- 📜 यह हवेली 5 अमीर व्यापारी भाइयों द्वारा बनाई गई थी।
- 🎭 हवेली की जालीदार खिड़कियाँ, खूबसूरत चित्र और बनाबट अद्वितीय हैं। 🔗 पढ़ें: Jaipur me ghumne ki jagah
4. सैम के रेतीले टीले – jaisalmer me ghumne ki jagah
सेम के टाइल पर ऊठ की सवारी करना आपके लिए एक यादगार अनुभव हो सकता है अगर आप इन तिलो पर जाते हैं तो चारों तरफ फैले सुनारे टाइल आपको मंत्र मुक्त कर देगी शाम के समय याह सूरज धीमे-धीमे डलता है और आकाश रंगों से भर जाता है जो एक अद्भुत नजारा पेश करता है वह पर कैंपिंग करके रात में राजस्थानी लोकगीतों नृत्य का आनंद लेना आपके लिए एक अच्छा एक्सपीरियंस देगा सेम के तिलो रेगिस्तान की प्राकृतिक सुंदरता का प्रतीक है और विशाल लहराते तिलो की वजह से यह जगह टूरिस्ट के लिए एक लोकप्रिय स्थान है अगर आप फोटोग्राफी करना चाहते हैं या ऊठ की सवारी करना चाहते हैं या आप डेजर्ट फेस्टिवल में भाग लेना चाहते हैं तो आपको सेम के टीले देखने के लिए जरूर जाना चाहिए
- 🌺 रेगिस्तान के बीच स्थित, यह स्थान ऊँट सफारी और डेजर्ट कैंपिंग के लिए मशहूर है।
- 🌌 सूर्यास्त के समय यहां का नजारा बेहद खूबसूरत होता है।
- 🎶 रात में राजस्थानी लोकसंगीत और डांस की प्रस्तुतियाँ होती हैं। 🔗 देखें: Mount Abu me ghumne ki jagah
5. गड़ीसर झील – jaisalmer me ghumne ki jagah
गड़ीसर झील राजस्थान के जैसलमेर शहर के पास स्थित एक सुंदर झील है यह झील मानसून के पानी से बरती है और शहर के बीच रेगिस्तानी इलाके में एक शांतिपूर्ण नजारा दिखता है झील के आसपास बाग बगीचे मंदिर और पैदल चलने के रास्ते हैं जो टूरिस्ट के लिए आकर्षण का केंद्र है यह सुबह या शाम की सैर का आनंद बहुत ज्यादा आनंद देता है वहां की ठंडी हवा और शांत जल आपको आसमान के नीचे सुकून देती है झील के किनारे नाव में घूमने और पक्षियों को देखना एक अद्भुत अनुभव है स्थानीय लोग यहां पिकनिक मनाने और परिवार के साथ समय बिताने के लिए आते हैं गड़ीसर झील का निर्माण महाराज गड़ी सिंह में करवाया था जिनके नाम पर इस झील का नाम रखा गया है यह झील जैसलमेर की जल आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण रही है झील के किनारे कई छोटे-छोटे मंदिर हैं अगर आप जैसलमेर जा रहे हैं तो गड़ीसर झील देखने के लिए जरूर जाना चाहिए
- 🌊 14वीं सदी में महारावल गड़सी सिंह द्वारा बनवाई गई झील।
- 🌿 यहाँ नौका विहार, मंदिर दर्शन और पक्षी विहार किया जा सकता है।
- ✨ यह जैसलमेर शहर के प्रवेश द्वार पर स्थित एक सुंदर जगह है। 🔗 पढ़ें: Pondicherry me ghumne ki jagah
जैसलमेर घूमने के लिए कब जाएं – jaisalmer me ghumne ki jagah
जैसलमेर एक खूबसूरत शहर है लेकिन गर्मियों में काफी ज्यादा गर्म रहता है इसीलिए आपको जैसलमेर सर्दी के मौसम में घूमने के लिए जाना चाहिए और सर्दी के मौसम में यहां काफी सारे उत्सवों का आयोजन भी किया जाता है जिसमें आपको राजस्थानी कल्चर देखने का मौका मिलेगा इसीलिए आप सर्दी के मौसम में जैसलमेर घूमने के लिए जा सकते हैं
📅 जैसलमेर घूमने का सही समय
मौसम | अवधि | विशेषताएँ |
---|---|---|
सर्दी | नवम्बर से फरवरी | ठंडा और उत्सवों से भरपूर वातावरण |
गर्मी | मार्च से जून | बहुत गर्म, रेगिस्तान में घूमना कठिन |
मानसून | जुलाई से सितम्बर | कम बारिश, हल्की ठंडक, लेकिन गर्मी बनी रहती है |
✈️ कैसे पहुँचें और कहाँ ठहरें?
- ✈️ हवाई मार्ग: नजदीकी एयरपोर्ट जोधपुर (285 किमी) है।
- 🚂 रेल मार्ग: जैसलमेर रेलवे स्टेशन प्रमुख शहरों से जुड़ा है।
- 🚌 सड़क मार्ग: राष्ट्रीय राजमार्ग 11 से जुड़ा हुआ है।
- 🏨 रहने की सुविधा: डेजर्ट कैंप, हेरिटेज होटल्स और बजट लॉज उपलब्ध हैं।
❓ FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q. क्या जैसलमेर किला अभी भी लोगों का निवास स्थान है?
हाँ, यह दुनिया के उन गिने-चुने किलो में से है जहाँ आज भी लोग रहते हैं।
Q. सैम के टीलों पर क्या गतिविधियाँ होती हैं?
ऊँट सफारी, जीप सफारी, कैंपिंग, लोकसंगीत व डांस आदि।
Q. क्या कुलधरा गाँव में रात में ठहर सकते हैं?
नहीं, सुरक्षा कारणों से वहां रात में ठहरना मना है।
निष्कर्ष – jaisalmer me ghumne ki jagah
दोस्तों हमने हमारे आर्टिकल में आपको जैसलमेर के बारे में बताया जैसलमेर कैसा राज्य है जैसलमेर में घूमने के लिए कौन-कौन सी जगह है और जैसलमेर घूमने के लिए हमें कौन सा मौसम में जाना चाहिए अगर आपको हमारे द्वारा लिखा आया आर्टिकल जैसलमेर में घूमने की जगह अच्छा लगता है तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल jaisalmer me ghumne ki jagah कैसा लगा धन्यवाद
Related Posts
- jodhpur me ghumne ki jagah top 5 – travel guide by mohit meena
- udaipur me ghumne ki jagah top 5 – travel guide by mohit meena
- jaipur me ghumne ki jagah top 5 – travel guide by mohit meena
- Pondicherry me ghumne ki jagah top 5 – travel guide by mohit meena
- lakshadweep me ghumne ki jagah top 5 – travel guide by mohit meena

mohit Meena is a travel blogger and founder of freeindia.online, passionate about exploring hidden gems and sharing travel tips to help others plan memorable trips across India.